खामोश रहते हैं, अब ज्यादा बोलते नहीं...
किस्से तो बहोत हैं, अब सुनाते नहीं...
'मेहर' दिल खोल के बात किये अब ज़माना गुज़रा...
ज़माने तो बहोत हैं, पर अब वो ज़माना नहीं...
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