सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

अब है तो है...

 फासला है तो है...

देहलीज है तो है...


हमने कब करी है मुक्कमल की ख्वाहिश...

अधुरा ही सही, अब ग़र इश्क़ है तो है...

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