वैसे तो सच्चे प्यार करने वालों को किसी valentine day कि जरुरत नहीं होती, फिर भी मै आज के दिन का मान रखते हुए, एक छोटी सी रचना प्रस्तुत करना चाहूँगा...
इस दिल को कभी छु जाओ
कभी हाथों को मेरे सिर पे सहलाओ...
पाँव को मेरे पाँव पे रख
छोटी सी एक मिच्ची देजाओ...
धीरे से - चुपके से बाँहों में भर
कानो में कोई शरारत सुनाओ...
जमाने के गम से जब हम लढ़ रहे हों
तुम छोटी सी एक मुस्कान ले आओ...
थक के भी जब नींद ना आये
तुम धीरे से पलकों को चूम जाओ...
इस दिल को कभी छु जाओ...!!!
इस दिल को कभी छु जाओ
कभी हाथों को मेरे सिर पे सहलाओ...
पाँव को मेरे पाँव पे रख
छोटी सी एक मिच्ची देजाओ...
धीरे से - चुपके से बाँहों में भर
कानो में कोई शरारत सुनाओ...
जमाने के गम से जब हम लढ़ रहे हों
तुम छोटी सी एक मुस्कान ले आओ...
थक के भी जब नींद ना आये
तुम धीरे से पलकों को चूम जाओ...
इस दिल को कभी छु जाओ...!!!