बुधवार, 28 फ़रवरी 2024

फिर एक बार

 फिर एक बार... 


फिर एक बार प्यार

इश्क़ का इज़हार

दिल बेकरार

ज़वाब का इंतजार |


फिर एक बार...


बातों की मिठास 

मिलने की आस

फिर वही प्यास 

वही इतिहास |


फिर एक बार... 


वही आगाज

वही अंजाम

बातें तमाम

हम नाकाम |


फिर एक बार...


आँखे ना भिगोना 

मन को संजोना

हमेशा मुस्कुराना

'मेहर' मुस्कराते चले जाना |


फिर एक बार..

मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024

इंतजार

 कल से तुम्हें देखा नहीं, और कल के इंतजार में हैं,

लफ़्ज़ों को चलो मना भी लें, पर जिद्दी आँखे इन्कार में हैं...

सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

चार दिन जिंदगी में...

तुम कुछ यूं रही चार दिन जिंदगी में...

चार दिनों का खुमार रहा ता उम्र जिंदगी में...


इश्क ही था जो दूर बैठी हो ...

'मेहर' ग़र लड़ गये होते, तो बाहों में होती ...

खामोश रहते हैं...

 खामोश रहते हैं, अब ज्यादा बोलते नहीं... 

किस्से तो बहोत हैं, अब सुनाते नहीं...


'मेहर' दिल खोल के बात किये अब ज़माना गुज़रा...

ज़माने तो बहोत हैं, पर अब वो ज़माना नहीं...

अब है तो है...

 फासला है तो है...

देहलीज है तो है...


हमने कब करी है मुक्कमल की ख्वाहिश...

अधुरा ही सही, अब ग़र इश्क़ है तो है...

एक दिन

 एक दिन तुम जो मिली थी हमे,

हकीकत में बदला था ख़्वाब मेरा...


पर कश्मकश अब भी है दिल में मेरे,


की सच हुआ था ख़्वाब मेरा... 

या अब भी ख़्वाब में ही हैं हम तेरे...?