सोमवार, 31 जनवरी 2011

खुश है हम...!







खुश है हम...!


तेरा साथ, कभी थोडा, कभी ज्यादा...


तुमसे बात, कभी अधूरी, कभी पूरी...


तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!






खुश है हम...!


तुमको देखना, कभी छुपके, कभी भर'के...


तुझे छु'ना, कभी युहीं, कभी कहीं...


तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!






खुश है हम...!


तेरे सितम, कभी जाने, कभी अनजाने...


उफ़... तुमसे प्यार, कभी तकरार, कभी इकरार...


तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!






खुश है हम...!


तेरी कशिश, कहीं ज्यादा और ज्यादा...


तेरा अरमान, दिल में, आँखों में, बाँहों में...


तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!