बुधवार, 13 अप्रैल 2011

छोटा सा शेर ... बडे जज्बात....



जब तेरी काली घटाओं सी जुल्फ में कुछ चांदनी की झलक होगी,
तेरी चमकती इन आँखों में शाम सी रौशनी होगी,
इन गुलाब से कोमल होठों पे - गालों पे रेत सी लकीरें होंगी,
तू खुद को मेरी नज़र से देखना हमसफ़र, दिल में वही रवानगी होगी!!

Cheers Vins :)

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

NO TO CORRUPTION : We Want FREEDOM

Disclaimer : The below written lines no way intent to distort or make fun of our national pride - Our Anthem. Being a curious brain, am just trying to compare Shri Ravindra Nath Tagore vision of Bharat in 1911 with my personal understanding of today's Bharat struggling with Corruption....


हे जन, गण, मन के नायक...
नेता - तुम कितने दुःख दायक...

पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा...
दीमक जैसे तुमने चाटा...


विंध्य, हिमांचल, यमुना, गंगा...
तिरसठ साल, देश फिर भी नंगा ...


तुमने जाती, धर्म, प्रदेश पे हमको बाटा...
और खुद ही गाते अपनी जय-गाथा ...


जन-जन धन से मंगल तुम्हारी...
कैसे देखोगे पीड़ा हमारी...?


हे भारत के भाग्य विधाता...
करुणा सुनो हमारी हे! दाता...


कुछ तो ऐसा करो उपाय...
नेता देखे सर्व-जन-हीताय...
_____________________________________

 
NO TO CORRUPTION : We Want FREEDOM
 
Vinish