सोमवार, 11 मार्च 2024

कितने भी मसरूफ हों

हम कितने भी मसरूफ हों,

तुम्हारी ख़बर लग ही जाती है...


दिल बेचैन है तुम्हारा,

ये बात हम तलक पहुँच ही जाती है...


खुश रहा करो की मंजिले और भी हैं,

पता नहीं ये बात कैसे समझाई जाती है...


जब मुस्कराती हो तो देखो कितने चेहरे खिलते हैं,

और दिल को एक तसल्ली भी हो जाती है...


रविवार, 3 मार्च 2024

तुम रहोगे जरूर

 तुम रहोगे जरूर


तुम साथ ना सही, पर अलग भी ना रहोगे,

ताबीर ना सही, पर ख़्वाब में रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर 


बाहों में ना सही, एहसास में रहोगे,

दीदार ना सही, पर आँखों में रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर 


तुम मंज़िल ना सही, मेरे सफर में रहोगे,

बातें नहीं होंगी हमारी, पर मेरी हर बात में रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर 


जिंदगी में एक मोड़ आयेगा, उसके आगे कोई नहीं जायेगा, 

'मेहर' जब सब अलविदा कह चुकें होंगे, तुम फिर भी मेरे साथ रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर