बुधवार, 13 अप्रैल 2011

छोटा सा शेर ... बडे जज्बात....



जब तेरी काली घटाओं सी जुल्फ में कुछ चांदनी की झलक होगी,
तेरी चमकती इन आँखों में शाम सी रौशनी होगी,
इन गुलाब से कोमल होठों पे - गालों पे रेत सी लकीरें होंगी,
तू खुद को मेरी नज़र से देखना हमसफ़र, दिल में वही रवानगी होगी!!

Cheers Vins :)

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