हम क्या कर रहे है?
कांग्रेस रात को लाठी बरसा रही है,
सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है,
अन्ना और बाबा, अनशन कर रहे है,
मनमोहन कुछ नहीं कह रहे है,
सोनिया, राहुल को सूत्रधार बना रही है,
कालाबाजारी, inflation ला रही है,
RBI CRR और REPO रेट बढ़ा रही है,
करोड़ों का अनाज गोदाम में सड़ रहा है,
किसान sucide कर रहे है,
पर हम क्या कर रहे है?
corporate cost cut कर रही है,
कोई जनता की बजा रहा है,तो कोई coke studio पे गाने गा रहा है,
groups में rape हो रहे है,
सेना में भी चोर भर रहे है,
Cricketer LARGE बना रहे है,
Media में हर news break हो रही है,
अमिताभ अबभी फिल्म मे काम कर रहें है,
और आमिर DK Bose फिल्मा रहे है,
पर हम क्या कर रहे है?
nothing in particular order... just vauge thoughts...
जवाब देंहटाएंHum bas dekh rahe hain... mook darshak ban kar... yah soche baithe hain ki hum draupadi hain aur koi krishn aayega humari laaj bachaane.
जवाब देंहटाएंbas hum yahi kar rahe hain.. bahut achchha prashn hai.
Regards
Fani Raj
विनीश जी,
जवाब देंहटाएंप्रजातन्त्र की व्यथा को जिस खूब्सूरती से बयान किया है आपने वो वाकई तारीफ के काबिल है!
हम कर भी क्या सकते हैं जब तक ये भ्रष्ट तन्त्र जिन्दा है?
संवेदनशील रचना!
हर कोई एक शुरुआत की प्रतीक्षा करता है, लेकिन हमें ही अन्ना और रामदेव बनना पड़ेगा!
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat vyangya.bus yahi hai aaj ki yathrth stiti........
जवाब देंहटाएंसब पुरानी रफ्तार से ही चल रहा है!
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जनता तो सिर्फ लङू का घूँट भरे बैठी है!
समय की प्रतीक्षा है उसको!
Jabtak ham pe nahee guzartee,ham mook darshak bane baithe hain!
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