जिंदगी आ तुझे बाँहों में भर लूँ,
आ तुझे मै थोडा सा जी लूँ...
कुछ कहेंगे बेवफा है तू,
पर सूरत-ए-हाल मे फंसा एक जाल है तू...
कभी ख़्वाबों का समंदर,
कभी रेत में बनता सराब (१) है तू...
मेरी जिंदगी, मेरी हमनफस है तू,
मेरा एहसास, मेरी 'मेहर' है तू...
सराब (१) = Mirage
आ तुझे मै थोडा सा जी लूँ...
कुछ कहेंगे बेवफा है तू,
पर सूरत-ए-हाल मे फंसा एक जाल है तू...
कभी ख़्वाबों का समंदर,
कभी रेत में बनता सराब (१) है तू...
मेरी जिंदगी, मेरी हमनफस है तू,
मेरा एहसास, मेरी 'मेहर' है तू...
सराब (१) = Mirage
जनाब सराब तो आपने हमारे दिल में बना दिए हैं इतना अच्छा लिख कर!
जवाब देंहटाएंएक और ताज़ा-तरीन रचना साझा करने के लिए हार्दिक शुक्रिया!!
shukriya shukriya :)
जवाब देंहटाएंNice one keep witing fab work!!
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