खुश है हम...!
तेरा साथ, कभी थोडा, कभी ज्यादा...
तुमसे बात, कभी अधूरी, कभी पूरी...
तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!
खुश है हम...!
तुमको देखना, कभी छुपके, कभी भर'के...
तुझे छु'ना, कभी युहीं, कभी कहीं...
तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!
खुश है हम...!
तेरे सितम, कभी जाने, कभी अनजाने...
उफ़... तुमसे प्यार, कभी तकरार, कभी इकरार...
तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!
खुश है हम...!
तेरी कशिश, कहीं ज्यादा और ज्यादा...
तेरा अरमान, दिल में, आँखों में, बाँहों में...
तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!
अरे मालिक,
जवाब देंहटाएंकहाँ हैं, कहाँ हैं, आपके चरण, कमाल कर दिया, वो एक कहावत हैं न, देर आये दुरुस्त आये!
चरितार्थ कर दिया आपने इस कहावत को, शुक्रिया मेरी प्रार्थना को मान देने के लिए!
खुश हैं हम,
आपने मेरे कहने पे लिखा, कुछ और हमने आपसे सीखा,
एक नयी सी ताजगी लिए, एक और चमकता तारा दीखा,
अगली बार भी गर देर करोगे, इंतज़ार करेंगे हम,
खुश हैं हम, खुश हैं हम!
आफरीन!
Great start of the year..keep writing! awesome poetry!
जवाब देंहटाएं"तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!!! " ... very touchy ....
जवाब देंहटाएंतेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...!
जवाब देंहटाएंवाह...बेजोड़ रचना है आपकी...
नीरज
kya!...hua kya hai tumko...ye shayari ka shauque kahan se aa gaya...kuch pee to nahin liya... ache khaase shayar ho gaye ho....
जवाब देंहटाएंSahi hain.... " Par Kush hain hum "
जवाब देंहटाएंहर हाल मे खुश रहना तो अच्छी बात है बधाई।
जवाब देंहटाएंतेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम, क्या बात है !
जवाब देंहटाएंतेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम.!
जवाब देंहटाएंवाह.बेजोड़ रचना है आपकी.
भावपूर्ण सुन्दर रचना...वाह...
जवाब देंहटाएंbhtrin andaaz he bhai mubark ho . akhar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना !!
जवाब देंहटाएंTarif karoon kya aapki...main toe iss kail nahi...gr8 thought...keep going :)
जवाब देंहटाएंखुश है हम...!
जवाब देंहटाएंतेरी कशिश, कहीं ज्यादा और ज्यादा...
तेरा अरमान, दिल में, आँखों में, बाँहों में...
तेरे ना मिलने का गम पर खुश है हम...
कविता भावपूर्ण है लेकिन सकारात्मक सोच के साथ लिखी गयी ...आपका आभार
khush hi rahiye dua hai
जवाब देंहटाएंBadee hee anoothi rachana hai!
जवाब देंहटाएं