रविवार, 7 नवंबर 2010

अपना दिल थाम लेना...


इस कविता के कुछ शब्द उधार पे लेकर हमारे द्वारा सजाये गए हैं. आशा करते है आप सबको पसंद आयेगी. आपसे निवेदन है की 'किसी' शब्द पे विशेष गौर फ़रमाइये.


जब कभी 'किसी' को मिलना चाहो... अपना दिल थाम लेना.

हम तो हमेशा खयालो में रहेते हैं 
और जब तुम्हे 'किसी' का ख़याल आये तो...अपना दिल थाम लेना.


यह सच है हम जिसे चाहते है भुला नहीं सकते,
पर जब तुम 'किसी' को भुलाना चाहो... अपना दिल थाम लेना.


लोग कहेते है जब कोई 'किसी' को याद करता है तो पलकें नम हो जाती है,
पर जब तुम 'किसी' को याद करना तो... अपना दिल थाम लेना.


इंतज़ार करना तो इंसा की कमज़ोरी है,
पर जब तुम 'किसी' को कमज़ोर पाओ तो... अपना दिल थाम लेना.


'एक' चेहरा पढना अच्छी बात है,
पर जब तुम चेहरा 'किसी' का ना पढ़ पाओ तो... अपना दिल थाम लेना.


सिर्फ यादों के सहारे जीवन जीना आँसा नहीं,
पर जब तुम 'किसी' को सहारा दो तो... अपना दिल थाम लेना.


कभी... जब_भी... मेरे जीवन की शाम हो... तुम ज़रूर आओगे,
जब सब रो रहे हो तुम 'किसी' का दिल थाम लेना...

Vins :)

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