सोमवार, 11 मार्च 2024

कितने भी मसरूफ हों

हम कितने भी मसरूफ हों,

तुम्हारी ख़बर लग ही जाती है...


दिल बेचैन है तुम्हारा,

ये बात हम तलक पहुँच ही जाती है...


खुश रहा करो की मंजिले और भी हैं,

पता नहीं ये बात कैसे समझाई जाती है...


जब मुस्कराती हो तो देखो कितने चेहरे खिलते हैं,

और दिल को एक तसल्ली भी हो जाती है...


रविवार, 3 मार्च 2024

तुम रहोगे जरूर

 तुम रहोगे जरूर


तुम साथ ना सही, पर अलग भी ना रहोगे,

ताबीर ना सही, पर ख़्वाब में रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर 


बाहों में ना सही, एहसास में रहोगे,

दीदार ना सही, पर आँखों में रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर 


तुम मंज़िल ना सही, मेरे सफर में रहोगे,

बातें नहीं होंगी हमारी, पर मेरी हर बात में रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर 


जिंदगी में एक मोड़ आयेगा, उसके आगे कोई नहीं जायेगा, 

'मेहर' जब सब अलविदा कह चुकें होंगे, तुम फिर भी मेरे साथ रहोगे...|


तुम रहोगे जरूर

बुधवार, 28 फ़रवरी 2024

फिर एक बार

 फिर एक बार... 


फिर एक बार प्यार

इश्क़ का इज़हार

दिल बेकरार

ज़वाब का इंतजार |


फिर एक बार...


बातों की मिठास 

मिलने की आस

फिर वही प्यास 

वही इतिहास |


फिर एक बार... 


वही आगाज

वही अंजाम

बातें तमाम

हम नाकाम |


फिर एक बार...


आँखे ना भिगोना 

मन को संजोना

हमेशा मुस्कुराना

'मेहर' मुस्कराते चले जाना |


फिर एक बार..

मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024

इंतजार

 कल से तुम्हें देखा नहीं, और कल के इंतजार में हैं,

लफ़्ज़ों को चलो मना भी लें, पर जिद्दी आँखे इन्कार में हैं...

सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

चार दिन जिंदगी में...

तुम कुछ यूं रही चार दिन जिंदगी में...

चार दिनों का खुमार रहा ता उम्र जिंदगी में...


इश्क ही था जो दूर बैठी हो ...

'मेहर' ग़र लड़ गये होते, तो बाहों में होती ...

खामोश रहते हैं...

 खामोश रहते हैं, अब ज्यादा बोलते नहीं... 

किस्से तो बहोत हैं, अब सुनाते नहीं...


'मेहर' दिल खोल के बात किये अब ज़माना गुज़रा...

ज़माने तो बहोत हैं, पर अब वो ज़माना नहीं...

अब है तो है...

 फासला है तो है...

देहलीज है तो है...


हमने कब करी है मुक्कमल की ख्वाहिश...

अधुरा ही सही, अब ग़र इश्क़ है तो है...